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वक्फ बिल मुसलमानों के हित में है, उनकी नाराजगी सिर आंखों पर : चिराग पासवान

  • Writer: MOBASSHIR AHMAD
    MOBASSHIR AHMAD
  • Apr 16
  • 5 min read

वक्फ बिल पास होने के बाद ऐसा नहीं है कि घमासान सिर्फ और सिर्फ जनता दल यूनाइटेड में मची है। कुछ ऐसा ही घमासान लोजपा रामविलास पासवान की पार्टी में भी मचा हुआ है। यही कारण था कि मुस्लिम समाज के लोगों ने नीतीश कुमार के साथ-साथ चिराग पासवान को भी इस बिल को पास करने का जिम्मेदार ठहरना शुरू कर दिया है। इमारत ए शरिया सहित सात मुस्लिम संगठनों ने चिराग पासवान की इफ्तार पार्टी का भी विरोध किया था। हालांकि बिल पास होने से पहले भी और बिल पास होने के बाद भी चिराग पासवान डटकर इस बिल के समर्थन में खड़े रहे और लोकसभा और राज्यसभा में बिल को पास करने के लिए समर्थन में वोट किया। बिल पास होने के बाद जब चिराग पासवान पहली बार पटना पहुंचे तो पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया और वक्फ बिल को लेकर सवाल पूछने लगे। हिम्मत के साथ जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग अगर मुझसे इस बिल का समर्थन करने के लिए नाराज है तो उनकी नाराजगी सिर आंखों पर। में पहले भी मुस्लिम समाज के लोगों के लिए काम करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा। लेकिन जो लोग मुझे मुसलमान विरोधी बता रहे हैं उन्हें यह सोचना चाहिए कि मैं उसामविलास पासवान का बेटा हूं जिसने साल 2005 के विधानसभा चुनाव में 20 से अधिक सीट आने पर लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार को ऑफर दिया था कि मुसलमान नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाए मैं अपना समर्थन आपको दे दूंगा।



जो लोग अभी मुझे गलत साबित कर रहे हैं समय आने दीजिए जो कानून बना है उसे लागू होने दीजिए अपने आप मुस्लिम समाज के लोगों को पता चल जाएगा कि यह कानून उनके हित में है या अहित में। चिराग पासवान आरोप लगाते हुए कहते हैं कि कुछ लोग हैं जो मुस्लिम समाज के गरीब लोगों को विकसित होते हुए नहीं देखना चाहते हैं और यही कारण है कि उन लोगों को बरगलाया जा रहा है। मैं कभी ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे मुस्लिम समाज के लोगों को फायदा होने के बदले घाटा हो। चिराग पासवान की माने तो विपक्ष के लोग इस बिल को लेकर गलत प्रचार प्रसार कर रहे हैं और लोगों के बीच जाकर झूठ बोल रहे हैं। जब देश में सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट बिल आया था तब भी मुसलमान लोगों को डराया धमकाया गया था कि आपकी नागरिकता छीन ली जाएगी। मैं मुस्लिम समाज के साथ-साथ पत्रकार मित्रों से पूछना चाहता हूं क्या आज तक किसी भी एक मुस्लिम नागरिक की नागरिकता छीन ली गई है? जवाब है ना। क्या धारा 370 हटाने से एक भी मुस्लिम नागरिकों को कोई नुकसान पहुंचा है ? क्या ट्रिपल तलाक मुसलमान समाज की महिलाओं के हित में नहीं है? इसलिए कुल मिलाकर जो लोग अंभी नाराज हैं उन्हें. खुद समय आते-आते पता चल जाएगा की बिल मुस्लिम समाज के लोगों के हित में है। इस बिल के पास होने के बाद से मुस्लिम समाज के लोगों ने जो वक्फ को जमीनी दान की है उसका एक इंच जमीन भी कोई नहीं छीन पाएगा। वक्फ बोर्ड का जितना विवाद जमीन को लेकर हिंदू समाज के लोगों के साथ नहीं है उससे अधिक मुसलमान समाज़ के लोगों के साथ है। हमारे पास कई ऐसे मुस्लिम समाज के लोग आए जिनका कहना था कि उनकी जमीन पर वक्फ बोर्ड गलत दावा कर रहा है। अब इस बिल के कानून बनने के बाद उन लोगों को एक मौका और मिलेगा ताकि वह साबित करें कि वास्तविक में जमीन किसका है। पहले लोगों को कोर्ट जाने का मौका नहीं दिया जाता था लेकिन अब गरीब से गरीब आदमी भी कोर्ट में जाकर आवेदन कर सकेगा। मेरे पिता रामविलास पासवान ने भी शुरू से लेकर अंत तक सामाजिक लड़ाई लड़ने का काम किया और मेरे शरीर में भी उनका ही खून और संस्कार है। मैं अपने पिता की सोच पर ही आगे बढ़ रहा हूं और ऐसा. कोई काम नहीं करूंगा जिससे मेरे पिता की आत्मा आहत हो। समय बताएगा कि चिराग पासवान द्वारा लिए गए फैसले मुस्लिम समाज के फायदे के लिए था या नुकसान पहुंचाने के लिए।

चिराग पासवान ने मुस्लिम समाज. के लोगों पर आरोप लगाया कि मेरे पिता ने मुस्लिम समाज के लिए जीवन भर काम किया लेकिन जब 2014 में हमने बीजेपी के साथ गठबंधन किया तो वही लोग नाराज हो गए और पिछली सभी बातें भूल गए।



मुस्लिम समाज के हर नागरिक से मैं कहना चाहूंगा कि अगर आप मुझसे नाराज हैं तो आपकी नाराजगी मेरे सिर आंखों पर है। वर्तमान सरकार की सोच यहं है कि सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सब का प्रयास रहा है। केंद्र की मोदी सरकार जब कभी ऐसा बिल या संशोधन बिल लेकर आती है जिससे समाज में रह रहे गरीब लोगों को लाभ होना होता है तो विपक्ष के नेता इस पर प्रोपेगेंडा करने लगते हैं। भ्रम फैलाने के अलावे और नेगेटिव सेट करने के अलावे विपक्ष के नेता के पास कोई काम नहीं बचा है।


जब केंद्र की मोदी सरकार ने वक्फ बिल को लेकर जेपीसी का गठन किया था तो हमारी पार्टी की ओर से अरुण भारती इसके सदस्य थे। हम लगातार मुस्लिम समाज के लोगों के साथ संपर्क में रहे और उन्होंने जो जो सुधार करने को कहा उन सभी बातों को हमने जेपीसी में शामिल करवाने का काम किया। केंद्र की मोदी सरकार सिर्फ और सिर्फ गरीब मुस्लिम जनता को उसका अधिकार देना चाहती है और इसमें कोई गलत नहीं है। बिल में हमने प्रावधान करवा दिया है कि जिस किसी भी जमीन पर मस्जिद का निर्माण हो रखा है, जहां कब्रिस्तान बने हुए हैं जहां मदरसा का संचालन हो रहा है ऐसे जमीन पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं होगा। और मान लेते हैं कि अगर किसी तरह का कोई जमीन विवाद होता है तो जो कोर्ट का. फैसला होगा वह सभी को मान्य करना होगा। विपक्ष के नेता ने तो साल 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान यह भी कहा था कि आरक्षण को खत्म कर दिया जाएगा और संविधान को बदल दिया जाएगा। इतना झूठ बोला जा रहा है और पदार्फाश होने के बाद भी विपक्ष के नेता को लोग नहीं पहचान रहे हैं। सिर्फ झूठ बोलकर मुस्लिम समाज को अपना वोट बैंक बनाया जा रहा है।


जब देश में राम मंदिर का निर्माण हो रहा था तब भी विपक्ष के नेताओं ने गलत प्रचार किया कि अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो जाता है तो अयोध्या से मुसलमान को एक-एक करके निकाल दिया जाएगा। मुस्लिम समाज के लोगों को सोचना चाहिए कि पिछले दस साल से केंद्र में मोदी की सरकार है और इस दौरान उनका एक भी घाटा हुआ है क्या? केंद्र की मोदी सरकार ने तो गरीब जनता के लिएं चाहे हिंदू हो या मुसलमान हो प्रधानमंत्री आवास योजना लेकर आई, शौचालय योजना लेकर आई, उज्जवला गैस योजना लेकर आई, गरीब किसान सम्मन निधि योजना लेकर आई, जनधन खाता खोला गया। क्या आपको नहीं लगता इन सभी योजनाओं का लाभ मुस्लिम समाज को भी मिला है?


मैं अल्पसंख्यक समाज के लिए मुस्लिम समाज के लिए और गरीब लोगों के लिए जिम्मेदार हूं लेकिन Mini उससे अधिक जिम्मेदार अपने पिता की आईडियोलॉजी के लिए हूं। और मैं कभी कोई ऐसा काम नहीं करूंगा जिससे उनकी विचारधारा को ठेस पहुंचे।

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