सीमांचल को मिला दो एक्सप्रेस-वे का तोहफा, अररिया किशनगंज होकर गुजरेगी गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे
- MOBASSHIR AHMAD

- Mar 17
- 6 min read

लेखक : प्रिया कुमारी
आमस-दरभंगा बिहार का पहला एक्सप्रेस-वे था. पहले इसे फोर लेन बनाने का फैसला लिया गया था बाद में संशोधन करते हुए सिक्स लेन कर दिया गया. एक्सप्रेस वे क्या होता है? बिहार में अब तक लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है, लेकिन जैसे ही पटना से दिल्ली की तरफ बाय रोड आप निकलेंगे तो एक्सप्रेस वे अपनी गुणवत्ता के कारण आपको एक अलग एहसास कराएगा. साथ ही यह सोचने पर लोगों को मजबूर करता है कि आखिर बिहार के अधिकांश जिलों से एक्सप्रेस वे क्यों नहीं गुजरती है. कुछ ऐसा ही दर्द भरा टीस बिहार के अंतिम छोर पर बसे सीमांचल के लोगों को भी हो रहा था. लेकिन कहते हैं ना कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। कुछ ऐसा ही सीमांचल के अररिया और किशनगंज के लोगों के साथ हुआ. ताजा अपडेट के अनुसार गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच एक नया एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा, जो सीमांचल के अररिया और किशनगंज से होकर गुजरेगी.
कहने के लिए इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक होना है लेकिन इसका 75% हिस्सा बिहार के विभिन्न जिलों से गुजरेगी. इसमें से अधिकांश हिस्सा मिथिला क्षेत्र में आता है. ताजा अपडेट के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार ने गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक जाने वाली एक्सप्रेस वे को मंजूरी दे दी है. कहा जा रहा है कि यह ग्रीन फील्ड वाला सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे होगा। इसकी कुल लंबाई 568 किलोमीटर है और बिहार में इसका हिस्सा 417 किलोमीटर है।
बिहार के इन आठ जिलों से गुजरेगी एक्सप्रेस-वे
गोरखपुर-किशनगंज-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के बारे में बताया जाता है कि इस सिक्स लेन सड़क का निर्माण बिहार के इन आठ जिलों में किया जाएगा. बताया जाता है कि गोरखपुर के बाद यह सड़क सीधे बिहार के पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण में एंट्री करेगी. इसके बाद शिवहर, सीतामढ़ी होते हुए मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिले से होते हुए सिलीगुड़ी तक जाएगी।
जानकारों की मानें तो इस सड़क के निर्माण के बाद किशनगंज से लोगों को दिल्ली जाने के लिए एक नया और सुगम सड़क मार्ग का विकल्प मिल जाएगा. लोग पहले की तुलना में काफी कम समय में यात्रा को पूर्ण कर पाएंगे. न सिर्फ समय का बचत होगा बल्कि तेल का खर्चा भी घट जाएगा. यानी कम पैसे में किशनगंज से दिल्ली तक सफर लोग तय कर सकेंगे. गोरखपुर से दिल्ली तक पहले ही एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा चुका है. इस सड़क पर आप 120 किलोमीटर की स्पीड से अपनी गाड़ी चला सकेंगे. वर्तमान समय की बात करें तो किशनगंज से दिल्ली जाने के लिए लोगों को पटना होते हुए जाना होता है और दूरी लगभग 1400 किलोमीटर है. नई सड़क के निर्माण के बाद यह दूरी 200 किलोमीटर तक घट जाएगी.
इस रोड पर कितने पैसे खर्च होंगे अब वह भी जान लीजिए. बताया जाता है कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर कुल 39000 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे. अगर हम बिहार को लेकर बात करें तो बिहार में इस एक्सप्रेस-वे का जितना हिस्सा बनना है , उसके ऊपर 27552 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
पटना से पूर्णिया तक एक्सप्रेस-वे का होगा निर्माण
गोरखपुर से सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के बारे में हमने आपको विस्तार से बताया। अब यह भी जान लीजिए कि सीमांचल को दूसरा एक्सप्रेस-वे का तोहफा पटना से पूर्णिया के रूप में मिला है। इसकी लंबाई 282 किलोमीटर और चौड़ाई 90 मीटर है. इस सड़क के निर्माण होने के बाद आप कह सकते हैं कि पटना से महज 2 से 3 घंटे में पूर्णिया तक का सफर तय किया जा सकेगा. हमने आपको पहले भी बताया है कि एक्सप्रेस सड़क पर स्पीड लिमिट 120 किलोमीटर प्रति घंटा है.
पटना पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के निर्माण होने के बाद जिन जिन जिलों से यह सड़क गुजरेगी उसका नाम भी जान लीजिए. पटना से निकलने के बाद सबसे पहले इस सड़क को वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया पहुंचेगी। पटना के आगे दिघवारा से NH31 हाजीपुर, छपरा रोड से शुरू होकर यह सड़क NH322 होते हुए रोसड़ा NH 527 से यह एक्सप्रेस-वे गुजरेगी। दरभंगा के कुशेश्वरस्थान से सहरसा के सोनवर्षा कचहरी होते हुए यह सड़क पूर्णिया के डगरुआ के पास जाकर समाप्त होगी। इस सड़क के बन जाने पर पटना से पूर्णिया पहुंचने में अभी जितना समय लगता है, उससे करीब आधे समय में ही लोग सफर तय कर सकेंगे. विभाग के अनुसार इन जिलों में जमीन अधिग्रहण को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है।
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे झारखंड होकर हल्दिया तक जाएगा
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे बिहार के नौ जिलों से होकर गुजरेगी। यह बिहार से झारखंड होते हुए हल्दिया तक जाएगी। बिहार में इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 367 किलोमीटर होगी। यह सड़क पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका जिलों से गुजरेगी।
इन तीनों एक्सप्रेस-वे के निर्माण से बिहार में व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा। लोगों को आवागमन में आसानी होगी और उनका समय बचेगा। कुल मिलाकर, ये एक्सप्रेस-वे बिहार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अब बस इंतज़ार है केंद्र सरकार की मंजूरी का।
एक्सप्रेस-वे को लेकर क्या कहते हैं बिहार सरकार के मंत्री

बिहार में कैबिनेट विस्तार से पहले पथ निर्माण विभाग का जिम्मा बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के पास था। अब नितिन नवीन को यह विभाग दे दिया गया है। इन दोनों नेताओं ने सीमांचल की आवाज से बात करते हुए कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और केंद्र की मोदी सरकार बिहार को विशेष तवज्जो दे रही है. यही कारण है कि बिहार में एक साथ तीन तीन एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है।

वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि 2027 तक 3 घंटे में राज्य के किसी भी कोने से पटना पहुंच सकेंगे। अभी 5 घंटे का समय लगता है। इसे पूरा करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। राज्य में 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी दौड़ेगी।
एक्सप्रेस-वे निर्माण पर एक लाख करोड़ खर्च किए जाएंगे। आने वाले समय में सिर्फ ढाई घंटे में पूर्णिया से पटना पहुंच सकेंगे। केंद्र से गोरखपुर-सिलीगुड़ी मार्ग को मंजूरी मिल गई है। बिहार में 662 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य प्रगति पर है। पटना-पुणे एक्सप्रेस-वे 18042 करोड़ से तैयार होगा।
क्या होता है एक्सप्रेस-वे

एक्सप्रेसवे, हाईवे से ज़्यादा चौड़ी और तेज़ रफ़्तार की सड़क होती है। इसे द्रुतमार्ग या द्रुतगामी मार्ग भी कहते हैं। एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां हाईवे की तुलना में ज़्यादा तेज़ी से चलती हैं। एक्सप्रेस-वे को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि ज़्यादा ट्रैफ़िक तेज़ी से चल सके। एक्सप्रेस-वे की खासियत होती है कि इस पर नियंत्रित एग्ज़िट और एंट्री होते हैं। हाईवे के मुकाबले ज़्यादा लेन होते हैं। सिग्नल फ़्री होने के लिए ओवरपास और अंडरपास का इस्तेमाल किया जाता है। टोल टैक्स भी हाईवे के मुकाबले ज़्यादा होता है। सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था होती है। किसी भी तरह के तिराहे या चौराहे नहीं होते।
भारत के कुछ एक्सप्रेस-वे का नाम भी जान लीजिए
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे
लखनऊ-गाज़ीपुर एक्सप्रेस-वे
द्वारका एक्सप्रेस-वे
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे,
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे
अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेस-वे
बैंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेस-वे
रायपुर-विशाखपटनम एक्सप्रेस-वे
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
संघर्ष से पूरा हुआ पटना- पूर्णिया एक्सप्रेस वे का सपना- सांसद पप्पू यादव

पटना पूर्णिया एक्सप्रेस-वे को लेकर पूर्णिया के वर्तमान सांसद पप्पू यादव कहते हैं कि मैं जब पूर्णिया का सांसद नहीं था, तब भी पूर्णिया के लिए काम करता था। सांसद बनने के बाद से मेरा प्रयास रहता है कि पूर्णिया के लिए जितना अधिक से अधिक काम कर सकूं, वह मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी. वह कहते हैं कि पिछले साल अगस्त महीने में मैंने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी और उनसे आग्रह किया था कि पटना पूर्णिया एक्सप्रेस-वे का निर्माण ऐसे रूट से किया जाए जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके. यह हमारी दूसरी मुलाकात थी। एक बार पहले भी मैं उनसे मिल चुका था. इस दौरान मैंने उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा था.
सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की मानें तो उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा था कि पटना से पूर्णिया (बिहार) एक्सप्रेस-वे का रूट पटना कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल से रोसड़ा-सिमरी बख्तियारपुर-सोनवर्षा-पत्तरघट-मुरलीगंज- बनमंखी-पूर्णिया निर्धारित किया जाए, ताकि इस रूट के अनुसार एक्सप्रेस-वे बनने से क्षेत्रवासी सहित सभी लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त हमने मंत्री महोदय से यह भी आग्रह किया था कि बिहार के पी.डब्लू.डी. सड़क को एन.एच. द्वारा अधिगृहित किया जाय और मेरे संसदीय क्षेत्र के दो पी.डब्लू.डी. सड़क को एन.एच. द्वारा अधिग्रहण कर एन.एच. में परिवर्तित करना जनहित में आवश्यक है।
_edited.jpg)







Comments