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वैभव सूर्यवंशी देश का अगला सचिन तेंदुलकर

  • Writer: MOBASSHIR AHMAD
    MOBASSHIR AHMAD
  • May 23
  • 12 min read
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प्रिया कुमारी


बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले युवा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी अरब किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। महज 13 सवाल की उम्र में रणजी ट्रॉफी और अंडर-19 क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने साबित कर दिया कि वे एक अच्छे खिलाड़ी हैं। आईपीएल में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर और शानदार शतक मार कर उन्होंने यह भी बता दिया कि वे अब इंटरनेशनल मैच खेलने के लिए न सिर्फ तैयार हैं बल्कि टीम इंडिया में सेलेक्ट होने के लिए काबिलियत भी रखते है।


देश के आम क्रिकेट प्रशंसकों ने वैभव सूर्यवंशी के बारे में तब जाना जब आईपीएल नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने उसे एक करोड़ 10 लख रुपए देकर खरीदा। वैभव सूर्यवंशी का बेस प्राइस मात्र 30 लाख रुपए था। सबसे पहले दिल्ली कैपिटल्स की ओर से बोली लगाई गई और राहुल द्रविड़ ने लगातार इस बोली को बढ़ाने का काम किया। 35 लाख के बाद 40 लाख। 70 लाख के बाद 75 लाख। एक करोड़ के बाद एक करोड़ 10 लाख और वैभव सूर्यवंशी राजस्थान रॉयल्स की झोली में जा गिड़े।


जैसे ही लोगों को पता चला कि एक 13 साल के लड़के को राजस्थान रॉयल्स ने एक करोड़ 10 लख रुपए में खरीदा है वैसे ही सब के सब उसके प्रोफाइल को सर्च करने लगे। एक तरह से कहा जाए तो अचानक वैभव सूर्यवंशी सोशल मीडिया में ट्रेंड करने लगे। कोई कह रहा था कि राजस्थान रॉयल्स ने एक छोटे से बच्चे को इतने रुपए में खरीद कर न सिर्फ गलती की है बल्कि यह पागलपन के साथ साथ गलत फैसला है। कुछ ऐसे भी लोग थे जिनका कहना था कि राहुल द्रविड़ लॉन्ग टाइम इन्वेस्टमेंट में विश्वास करते हैं और वैभव सूर्यवंशी अगर इस सीजन में नहीं भी चलते हैं तो वह उन्हें कंटिन्यू करेंगे।


क्रिकेट खेल के एक विशेषज्ञ पत्रकार ने तो इतना तक कह दिया कि युवाओं को जितना सपोर्ट आईपीएल में राहुल द्रविड़ देते हैं उतना सपोर्ट कोई नहीं करता। प्रवीण तांबे को भला कौन भूल सकता है। अगर राहुल द्रविड़ नहीं होते तो प्रवीण तांबे अहज भी गुमनामी की दुनिया में जीवन जी रहे होते और रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिए स्ट्रगल कर रहे होते।


इस साल जब आईपीएल की शुरूआत होती है तो बिहार के लोग खासकर मिथिला क्षेत्र के लोग इस बात को लेकर बेसब्री से इंतजार कर रहे थे की कब राजस्थान रॉयल्स की टीम में वैभव सूर्यवंशी की टॉप 11 में सिलेक्ट किया जाता है। लेकिन कई मैच बीत जाने के बाद भी जब वैभव सूर्यवंशी को खेलने का मौका नहीं दिया गया तो लोगों ने सोशल मीडिया में कहना स्टार्ट कर दिया कि लगता है वैभव सूर्यवंशी को एक करोड़ 10 लख रुपए देकर सिर्फ पानी डोने के लिए खरीदा गया है। हालाकि वैभव सूर्यवंशी इस बात को लेकर टेंशन में नहीं थे कि उन्हें खेलने का कब मौका मिलेगा। मौका मिलेगा भी या नहीं मिलेगा। वे तो बस प्रैक्टिस पर ध्यान दे रहे थे और जमकर नेट पर पसीना बहा रहे थे।


कहते हैं ना भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं। सत्र का फल हमेशा मीठा होता है। ऐसा ही कुरान सूर्यवंशी के साथ हुआ। टीम कैप्टन संजू सैमसन के चोटिल होने के चलते वैभव को आईपीएल में डेब्यू करने का मौका मिला। लखनऊ के खिलाफ अपने पहले ही मैच में उन्होंने 20 गेंदों पर 34 रन की तूफानी पारी खेली। वैभव ओपनिंग बैटिंग करने उतरे थे और जब उनको पहली गेंद का सामना करने का मौका मिला उन्होंने कॉन्फिडेंस के साथ न सिर्फ उस बाल को खेला बल्कि जबरदस्त छक्का मारा। इसके बाद मानो चौक्के और छक्के की बरसात होने लगी। लेकिन जब एक गलती के कारण वैभव सूर्यवंशी आउट होकर पवेलियन जाने लगे तो न सिर्फ भारत के सभी लोगों ने बल्कि दुनिया के तमाम क्रिकेट प्रशंसकों ने देखा कि कैसे आउट होने के बाद एक 14 साल का बच्चा रोते हुए पवेलियन लौट रहा है। हालांकि आउट होने से पहले वैभव सूर्यवंशी ने अपना काम कर दिया था और यही कारण है कि बड़े से बड़े क्रिकेट जगत के सितारे और खेल विशेषज्ञ के पत्रकारों ने कहना शुरू कर दिया कि वैभव सूर्यवंशी सच में एक अच्छा खिलाड़ी है और उसका भविष्य उज्जवल है।


गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने तो इतना तक कह दिया कि उन्होंने 8वीं कक्षा के बच्चे को आईपीएल में खेलते हुए देखने के लिए सुबह जल्दी उठकर मैच देखा, और उसे एक शानदार शुरूआत बताया। उन्होंने वैभव की निडर और बेखौफ बल्लेबाजी की भी प्रशंसा की। सुंदर पिचाई ने एक्स पर लिखा, सुबह उठकर मैंने आठवीं कक्षा के बच्चे को आईपीएल में खेलते हुए देखा, क्या शानदार शुरूआत थी। उन्होंने वैभव की तुलना भविष्य के एक सितारे से भी की।


हालांकि अपने दूसरे मैच में वैभव सूर्यवंशी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए और आसानी से महज कुछ रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में कहना शुरू कर दिया जो पहले मैच में वैभव सूर्यवंशी ने जी शानदार तरीके से खेला वह बार-बार नहीं खेल सकता। अब तो ऐसा लगने लगा था कि वैभव सूर्यवंशी को तीसरे मैच में भी खेलने का मौका मिलेगा या नहीं। लेकिन हमने आपको पहले ही कहा था कि राहुल द्रविड़ न सिर्फ युवाओं को खेलने का मौका देते हैं बल्कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में विश्वास करते हैं।


तीसरे मैच में जब वैभय सूर्यवंशी को खेलने का मौका मिला तो उन्होंने इस बार कोई गलती नहीं की। वैभव सूर्यवंशी ने 28 अप्रैल को गुजरात टाइटंस के खिलाफ महज 35 गेंदों में शतक लगाकर आईपीएल 2025 में इतिहास रच दिया। वे 14 साल और 23 दिन की उम्र में आईपीएल खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने और तीसरे ही मैच में 101 रन की पारी खेली। सूर्यवंशी ने 11 छक्के और 7 चौके जड़ते हुए आईपीएल का दूसरा सबसे तेज शतक लगाया। उनकी इस विस्फोटक पारी ने क्रिकेट जगत में कीर्तिमानों की झड़ी लगा दी।

इस मैच में सूर्यवंशी ने अपनी पारी की धीमी शुरूआत के बाद ईशांत शर्मा के एक ओवर में 28 रन ठोककर 13 गेंदों में 35 रन पूरे किए। उन्होंने महज 17 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर आईपीएल इतिहास की पांचवीं सबसे तेज फिफ्टी बनाई। इसके बाद वे और आक्रामक हो गए और सिर्फ 18 गेंदों में 50 से 100 तक पहुंच गए। उन्होंने 35 गेंदों में अपना शतक पूरा कर आईपीएल के इतिहास में दूसरा सबसे तेज शतक लगाया। इस मामले में उनसे आगे सिर्फ क्रिस गेल (30 गेंदों में शतक, 2013) हैं। सूर्यवंशी अंततः 38 गेंदों में 101 रन बनाकर आउट हुए। उनकी इस विस्फोटक पारी में 11 छक्के और 7 चौके शामिल थे। यानी 94 रन केवल चौके और छक्के से आए। आइये उनकी इस शानदार पारी में बने कुल रिकॉर्ड पर नजर डालते हैं-


14 साल और 32 दिन की उम्र में टी20 क्रिकेट में शतक लगाने वाले वे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने विजय जोल का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 2013 में मुंबई के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए 18 साल और 118 दिन की उम्र में शतक लगाया था। यह टी20 क्रिकेट इतिहास में सातवां सबसे तेज शतक है। सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड साहिल चौहान के नाम है, जिन्होंने 2024 में एस्टोनिया के लिए साइप्रस के खिलाफ सिर्फ 27 गेंदों में शतक लगाया था। वैभव ने सिर्फ 17 गेंदों में अपनी फिफ्टी पूरी की, जो आईपीएल इतिहास में पांचवीं सबसे तेज फिफ्टी है।


सूर्यवंशी ने अपनी पारी में 11 छक्के लगाए, जो आईपीएल इतिहास में चौथी सबसे बड़ी संख्या है। इस लिस्ट में पहले स्थान पर क्रिस गेल हैं, जिन्होंने


2013 में पुणे वॉरियर्स इंडिया के खिलाफ 17 छक्के लगाए थे। इसके अलावा, आईपीएल में किसी भारतीय बाल्लेबाज द्वारा खेली गई पारी में सबसे ज्यादा छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी उन्होंने साझा कर लिया है। इससे पहले, मुरली विजय ने 2010 में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 11 छक्के लगाए थे।


IPL से 4 साल छोटे हैं वैभव सूर्यवंशी साल 2008 में पहली बार आईपीएल की शुरूआत होती है और इसके 4 साल के बाद साल 2012 में बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर प्रखंड स्थित मोतीपुर गांव में एक राजपूत परिवार में एक होनहार लड़के का जन्म होता है। माता-पिता शौक से नाम रखते हैं वैभव और आगे चलकर यही बच्चा वैभव सूर्यवंशी बनता है। वैभव सूर्यवंशी के पिता संजीव सूर्यवंशी भी एक क्रिकेटर है और लोकल स्तर पर अपनी टीम को जीताने के लिए शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। जब बेटे ने आईपीएल में शानदार शतक जड़ा तो माता-पिता भावुक हो गए और उन्होंने वीडियो जारी कर एक संदेश दिया।


वैभव सूर्यवंशी के पिता संजीव सूर्यवंशी ने बेटे की उपलब्ध पर कहा- उसने महज 35 गेंदों पर शतक लगाया और अपनी टीम राजस्थान रॉयल्स को जीत दिलाई है। उसकी इस उपलब्धी पर हम काफी खुश है। संजीव सूर्यवंशी ने आगे कहा-पिछले 34 महीनों से राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को अपने पास रखकर काफी अच्छी प्रैक्टिस करवाई है। इसमें हेड कोच राहुल द्रविड़, बैटिंग कोच विक्रम राठौड़, साईराज बहुतुले और अन्य का अहम योगदान रहा है। इन सब ने वैभव को अपने पास रखकरखकर उसके खेल को सुधार रहे थे, वैभव भी काफी मेहनत कर रहा था। इसके साथ ही हम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के अध्यक्ष राकेश तिवारी को धन्यवाद देना चाहते हैं। क्योंकि उन्होंने बहुत कम उम्र में उसे बिहार से खेलने का मौका दिया।


वैभव सूर्यवंशी के बचपन के बारे में बताते हुए उसके पिता कहते हैं कि वैभव जब 4 साल का था तभी हमने उससे क्रिकेट का बल्ला खरीद कर दिया था। तब हमने सोचा भी नहीं था कि इस खेल से वैभव को इतना लगाव हो जाए‌गा। मैं जहां टूनामेंट खेलने जाता तो इसे भी ले जाता था। धीरे-धीरे वह अच्छा खेलने लगा। समस्तीपुर में बृजेश झा सर बच्चों को क्रिकेट सिखाते हैं, उनके पास वैभव को क्रिकेट सीखने के लिए भेजने लगा। जो कोई वैभव को खेलते हुए देखा था वह कहता था कि बच्चा शानदार खेलता है। कुछ सालों के बाद हमने वैभव का ऐडमिशन पटना के एक क्रिकेट एकेडमी में करवाया। एक दिन छोड़कर वैभव को लेकर मैं खुद समस्तीपुर से पटना जाता था और प्रैक्टिस के बाद पटना से समस्तीपुर वापस लौट जाता था।


वैभव भले क्रेडिट मुझे और मेरी मेहनत को दे रहा है लेकिन मुझसे ज्यादा अधिक परिश्रम वैभव सूर्यवंशी ने खुद किया है। वह प्रेक्टिस करने से और बल्लेबाजी करने से कभी नहीं थकता। वैभव की उम्र को लेकर वास्तविकता क्या है तो इस पर उसके पिता का कहना है कि देखिए वैभव की वास्तविक उम्र वही है जो उसके सर्टिफिकेट में है। अब इस विवाद को खत्म कर दिया जाना चाहिए। वैभव सूर्यवंशी का बोर्न मेरो टेस्ट भी किया गया था। रिपोर्ट में सब कुछ क्लियर हो चुका है कि वैभव सूर्यवंशी की उम्र को छुपाया नहीं जा रहा है। आप तो जानते ही हैं कि विज्ञान कितना आगे बढ़ चुका है और अगर कोई अपनी उम्र छुपाना चाहे तो भी वह नहीं छुपा सकता। वैभव के पिता की पूरी उम्मीद है कि एक न एक दिन उनका बेटा टीम इंडिया के लिए जरूर खेलेगा।


वैभव सूर्यवंशी को असली हीरो बनने वाले नायक कौन हैं
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वैभव सूर्यवंशी पहले समस्तीपुर में क्रिकेट सिखते हैं और उसके बाद पटना पहुंचते हैं। आईपीएल में राहुल द्रविड़ ऑक्शन में बोली लगाकर वैभव सूर्यवंशी को खरीदते हैं और इसके बाद लोग कहने लगते हैं कि राहुल द्रविड़ ने असली प्रतिभा को पहचान कर उसे मौका देने का काम किया है। लेकिन ऐसा नहीं है। सच्चाई यह है कि वैभव सूर्यवंशी की टैलेंट को सबसे पहले टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण ने पहचाना था।


हालांकि बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि भारत के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने वैभव सूर्यवंशी के करियर में अहम भूमिका निभाई है। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज की मुलाकात लक्ष्मण से बीसीसीआई अंडर-19 वनडे चैलेंजर टूनार्मेंट में हुई थी, जब उन्होंने बिहार के इंटर-डिस्ट्रिक्ट सीनियर ट्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था।


लक्ष्मण ने वैभव की प्रतिभा को पहचानते हुए उनहें इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ एक क्वाड़ेंगुलर सीरीज में शामिल किया। हालांकि, इन मुकाबलों में एक मैच में खराब प्रदर्शन के बाद वैभव काफी निराश हो गए और रोने लगे। पिछले साल द हिंदू को दिए एक इंटरव्यू में वैभव के कोच मनोज झा ने खुलासा किया कि लक्ष्मण ने उस समय वैभव को कैसे सांत्वना दी थी। उन्होंने कहा, हअंडर 19 सीरीज के एक मैच में वैभव 36 रन बनाकर रन आउट हो गया था और इसके बाद वह ड्रेसिंग रूम में रोने लगा। जब लक्ष्मण ने उसे ऐसा करते देखा, तो वह उसके पास आए और कहा, 'हम यहां सिर्फ रन नहीं देखते, हम उस खिलाड़ी को देखते हैं जिसमें लंबे समय तक टिकने की क्षमता हो।' लक्ष्मण ने उसको प्रतिभा को बहुत जल्दी पहचान लिया।



रन चेज में सबसे ज्यादा छक्के मारने का रिकॉर्ड

आईपीएल के किसी रन चेज में सबसे ज्यादा लगाने का रिकॉर्ड भी अब उनके नाम है। उन्होंने सनथ जयसूर्या (2008 में CSK के खिलाफ 11 छक्के) के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। इसके साथ वे 18 साल से कम उम्र में टी20 क्रिकेट में 10 या अधिक चक्के लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं। वैषय ने 35 गेंद को अपनी सेंचुरी में कुल 11 छक्के और 7 चौके लगाए। 116-66 और 7*4-28 रन। यानी कुल 94 रन केवल बाउंड्री में आए। यह आईपीएल में किसी भी बल्लेबाज द्वारा एक शतक में बाउंड्री प्रतिशत के हिसाब से कुल रन के मामले में सबसे ज्यादा है। उन्होंने 100 रन बनाने में 93 प्रतिशत रन केवल बाईसे बनाए।


सूर्यवंशी ने 265.78 के स्ट्राइक रेट से यह पारी खेली, जो आईपीएल इतिहास में तीसरी सबसे तेज 100-पारी है। 2010 में यूसुफ पठान ने 37 गेंदों में शतक लगाते हुए, 270.07 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे, जबकि 2013 में डेविड मिलर ने 36 गेंदों में 101 रन बनाए थे और उनका स्ट्राइक रेट 265.78 था : 35 गेंदों पर शतक जड़ने वाले वैभव ने अपनी पारी में 11 छक्के लगाए और चौके जड़े। वो पलेयर ऑफ द मैच भी रहे। मैच के बाद उन्होंने कहा- बहुत अच्छा लग रहा है। यह आईपीएल में मेरा पहला शतक है और मेरी तीसरी पारी थी। टूनामेंट से पहले जो प्रैक्टिस की थी, उसका अब अच्छा नतीजा रहा है। बस को देखता हूं और खेलता हूं। यशस्वी जायसवाल के साथ बैटिंग करना अच्छा लगता है, वह मुझे समझाते हैं कि क्या करना है और हमेशा पॉजिटिव बात करते हैं। आईपीएल में शतक बनाना मेरा सपना था और आज वह पूरा हो गया। मुझे कोई डर नहीं लगता। में ज्यादा नहीं सोचता, सिर्फ खेल पर ध्यान देता हूँ।


बाबू सूर्यवंशी की उम्र को लेकर हो रहा विवाद, क्या है सच्चाई

ऐसा पहली बार नहीं है जब वैभव सूर्यवंशी को उम्र को लेकर विवाद ही रहा है कोई उसे 16 साल का बता रहा है तो कोई उसे 18 साल का बता रहा है। आईपीएल ऑक्शन से कुछ महीना पहले जब वैभव सूर्यवंशी रणजी मैच खेलने के लिए सिलेक्ट हुआ था, तब भी कुछ लोगों ने कहना स्टार्ट कर दिया था कि इस लड़के की वास्तविक उम्र 13 साल नहीं है और इसे छुपाया जा रहा है। मुझे आज भी याद है को पटना के राजेंद्र नगर स्थित शाखा खेल मैदान, जहां से भारतीय क्रिकेटर सथा करीम और इशान किशन खेल सीख चुके हैं, वहां कुछ बच्चों से मिलने के लिए पहुंचा था। मैं उन लोगों से पूछा क्या तुम लोगों ने वैभव सूर्यवंशी को खेलते हुए देखा है। कैसा खेलता है। क्या का अपना वास्तविक उम्र छुपा रहा है।


उन लोगों का कहना था कि वैभव सूर्यवंशी की उम्र को लेकर चले जी विवाद हो लेकिन बंद खेलता जबरदस्त है। हालाकि कुछ ऐसे भी लड़के थे जो मानते थे कि वैभव अपनी उम्र से ज्यादा का दिखता है और इसके पीछे का कारण उसका यूल मूल सरीर है. और अगर उम्र को छिपाया भी जा रहा है तो एक साल से अधिक का अंतर नहीं होगा।


फिर भी में देखना चाहता था कि वैभव सूर्यवंशी दिखता कैसे हैं और खेलते कैसे हैं। क्या सच में उसमें दम है या सेटिंग गेटिंग करके बिहार रणजी क्रिकेट टीम में पहुंच गया है। यही देखने के लिए में पटना के मोइन उल हक स्टेडियम पहुंचा जहां बिहार और तमिलनाडु के बीच रणजी क्रिकेट का मैच खेला जाना था। स्टेडियम की स्थिति बद से बदतर थी, हजारों लोगों की भी इस मैच को देखने के लिए दिया दूर-दूर से पहुंची थी। वैभव सूर्यवंशी ने शानदार बल्लेबाजी की और दिखा कि उस बंद में दम है।


अगले दिन अखबारों में खबर छपी थी कि वैभव सूर्यवंशी ने सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। का अर्थ था कि वैभव सूर्यवंशी ने सचिन तेंदुलकर से कम उम्र में रणजी ट्रॉफी में जगह बनाकर नया रिकॉर्ड बरा दिया। इसके बाद तो वैभव सूर्यवंशी ने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा पहले अंदर-19। फिर इंडिया एटीम और फिर एशिया कम सब में उसने शानदार प्रदर्शन किया।


जमीन बेचकर बेटे को क्रिकेटर बनाने का सपना देखा
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गांव घर में एक कहावत है, पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब खेलोंगे कूदेगे तो होंगे खराब। लेकिन व सूर्यवंशी के माता-पिता ने इस कहावत को मानने से इनकार कर दिया। क्योंकि वे वर्तमान समय को जानते थे और मानते थे कि पड़ोगे लिखोगे तो बनोगे धाव और खेलने कुयोगे तो बनोगे सचिन सहजाम। यही कारण था कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण भी वैभव के माता-पिता ने कभी उसे इस चा का एहसास नहीं होने दिया। पटना में वैभव को ट्रेनिंग मिल सके इसके लिए उन्हें अपनी जमीन तक बेचनी पड़ी और जब घर के लोगों ने सवाल उठाया तो उनका साफ कहना था कि बेटा जिस दिन क्रिकेट खेल कर पैसा कमेगा उस दिन वापस जमीन खरीद लेंगे।


वैभव एक इंटरव्यू में रहते हैं कि उन्हें क्रिकेटर बनने के लिए मम्मी पापा ने गजब का संघर्ष किया है। कोरोना के समय ये समस्तीपुर में क्रिकेट सीखा करते थे। लॉकडाउन लगने के बाद पापा ने उसके लिए घर के बगल में ही बेटिंग प्रैक्टिस करने के लिए नेट बनवा दिया। पापा जिस किसी खिलाड़ी को बेहतर करते हुए देखते थे उसे बुलाकर मुझसे प्रेक्टिस करवाते थे। मां सभी बच्चों के लिए खाना पकाती थी। रात 11:00 बजे सोती थी और सुबह तीन चार बजे जग जाती थी।


वैभव सूर्यवंशी की आईपीएल खेलने के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपए मिले है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैभव को 10 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। राजस्थान रॉयल्स के मालिक ने वैभव सूर्यवंशी के लिए इतना तक कह दिया है की कि अब इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगले साल वैभव को खरीदने के लिए जमकर बोलियां लगाई जाएगी लेकिन कुछ भी हो जाए वैभव को हम किसी अन्य टीम में जाने नहीं देंगे।

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