top of page

नीतीश कुमार की किशनगंज में प्रगति यात्रा

  • Writer: MOBASSHIR AHMAD
    MOBASSHIR AHMAD
  • Feb 16
  • 7 min read
ree
चुनाव से पहले 514 करोड़ का चुनावी 'लॉलीपॉप'

सुमन कुमार


साल 2025 का शुभारंभ हो चुका है और नए साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एक्टिव हो चुके हैं। यही कारण है कि दिसंबर महीने में जनता दर्शन कार्यक्रम के तहत पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव किशनगंज सहित बिहार के विभिन्न जिलों में दौरा करने पहुंचते हैं तो वहीं साल के अंत-अंत तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया। 21 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के दौरान किशनगंज पहुंचे और यहां उन्होंने 514 करोड़ की राशि से 235 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

जैसा कि हमने आपको पहले ही कह दिया कि इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है और किशनगंज जिले में कुल चार विधानसभा सीट है। इसमें से विधानसभा 2020 के चुनाव में कांग्रेस के एक विधायक और राष्ट्रीय जनता दल अर्थात आरजेडी के एक विधायक ने चुनाव जीत कर सफलता का परचम लगाया। दो सीटों पर एआईएमआईएम के विधायकों ने जीत दर्ज की। हालांकि ओवैसी की पार्टी के दोनो विधायकों ने बाद में पाला बदलकर आरजेडी का दामन थाम लिया। कुल मिलाकर कहा जाए तो चारों सीट वर्तमान समय में महागठबंधन के पास है जिसमें से एक सीट पर काग्रेस और तीन सीट पर राजद का कब्जा है।


यही कारण है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस चुनावी साल में किशनगंज को लेकर कोई लापरवाही नहीं करना चाहते हैं। चुनाव भले अक्टूबर के बाद होना है लेकिन नीतीश कुमार किशनगंज को लेकर अभी से एक्टिव हो चुके हैं। जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को लेकर किशनगंज आने का प्लान बना तब से ही जिला प्रशासन द्वारा तैयारी जोर जोर से की जाने लगी। जो काम अधूरे थे उसे दिन रात एकाएक पूरा किया जाने लगा तो वहीं जिन जिन मुद्दों को लेकर किशनगंज में आंदोलन होते देखा गया था, उन सभी मुद्दों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वीकृति देकर बता दिया है कि वह किशनगंज की जनता के साथ हैं। नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के दौरान किशनगंज आए और वहां क्या-क्या हुआ यह पूरी खबर हम आपको डिटेल में बताएँगे लेकिन पहले यह जान लेते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किन-किन योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया।


किशनगंज पहुंचने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हुआ भव्य स्वागत
ree

प्रगति यात्रा के दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किशनगंज पहुंचे तो यहां उनका भव्य स्वागत किया गया। सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन-उन स्थानों का निरीक्षण किया जहां पर प्रस्तावित योजनाओं के लिए जगह का चयन किया गया है। इसके बाद उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभुकों को चेक सौंपा, चाबी, प्रमाण पत्र सहित अन्य कागजात सौंपें। इतना ही नहीं ठाकुरगंज पहुंचने पर वहां हो रहे विकास कार्यों को उन्होंने गंभीरता पूर्वक देखा और जायजा लिया। हलमाला ग्राम पंचायत में आदर्श ग्राम पंचायत के मॉडल को भी देखा। गोवर्धन प्लांट तथा महेश बथना में जिला आपातकालीन सुविधा सह प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया।


पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि। किशनगंज और किशनगंज के लोग बदल चुके हैं। हिंदू मुसलमान के बीच कोई विवाद नहीं है। हमने मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही यहां के हालात को बदलने के लिए काफी काम किया है और इसी का परिणाम अब धरातल पर दिखने लगा है।


नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से पहले जब मैं मुख्यमंत्री नहीं था तो किशनगंज सहित आसपास के जिलों में हमेशा कुछना कुछहोते रहता था। लोग आपस में झगड़ा-फसाद करते रहते थे। लेकिन अब ऐसी एक भी खबरें सुनने को नहीं मिलती है। लोग शांति पूर्वक आपसी भाईचारे के साथ रहते हैं और एक दूसरे के दुख-सुख में साझेदार बनते हैं।


हिंदू और मुसलमान समाज को विकसित बनाने के लिए यहां विभिन्न योजनाओं को चलाया जा रहा है। कब्रिस्तान की घेराबंदी हो रही है तो मंदिरों को भी दीवार से घेरा जा रहा है। जानकारी देते हुए


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि अब तक 8000 कब्रिस्तानों की घेराबंदी हो चुकी है और जो बच गए हैं उनकी भी घेराबंदी बहुत जल्द कर दी जाएगी।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किशनगंज जिले के जीविका दीदियों से मुलाकात कर हाल-चाल जाना। उनके द्वारा लगाए गए स्टॉल का जायजा लिया। काम करने के दौरान उन्हें किसी तरह की परेशानी तो नहीं हो रही है इस बात को लेकर भी पूछताछ की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि जब हमने जीविका का शुभारंभ किया था तब हमने भी नहीं सोचा था कि गरीब महिलाओं की दशा एवं दिशा बदलने में यह योजना इतना कारगर साबित होगी। जीविका की मदद से गांव देहात की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है। अब तो भारत सरकार ने भी जीविका योजना को अपना लिया है और आजीविका के नाम से चला रही है।


मैं जब मुख्यमंत्री नहीं था तब 2005 से पहले की स्थिति को याद कीजिए कि किस तरह लोगों को रोटी कपड़ा और मकान के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता था। ना घर में बिजली सुविधा थी, ना गांव में स्कूल हुआ करता था और ना चलने के लिए सड़क हुआ करता था। पुल-पुलिया का तो आता-पता तक नहीं था। अब नए-नए स्कूल, कॉलेज बनाए जा रहे हैं। सभी को हाई स्कूल जाने के लिए साइकिल दिया जा रहा है। इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज खोला जा रहा है। हर गली को पक्का किया जा रहा है। जल-नल योजना की मदद से घरों तक पीने को पानी पहुंचाया जा रहा है।


महिलाओं को सबल बनाने के लिए हमने राज्य सरकार की नौकरियों में एवं पंचायत चुनाव से लेकर नगर पालिका चुनाव में 50% आरक्षण देने का काम किया। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां दी जा चुकी है और 24 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है। आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले तक 12 लाख लोगों को नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार देने का काम किया जाएगा।


काम कब तक होगा यह कहना मुश्किल है!


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे तामझाम के साथ प्रगति यात्रा पर किशनगंज आते हैं और वापस पटना लौटते ही कुछ ही दिनों के अंदर 4 फरवरी 2025 को आयोजित कैबिनेट बैठक में किशनगंज में किए गए ऐलानों को लेकर सभी योजनाओं पर स्वीकृति देते हैं। फिर क्या था इसके बाद पत्रकारों को बुलाकर जिला प्रशासन ने उन योजनाओं के बारे में डिटेल में बताया जिसे कैबिनेट बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने मंजूर किया।


जब हमने डीडीसी सह प्रभारी डीएम स्पर्श गुप्ता से पूछा कि जिन-जिन योजनाओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वीकृति प्रदान की है वे सभी महत्वपूर्ण योजनाएं हैं जो निसंदेह जनता के हित में है, लेकिन क्या हम उम्मीद कर सकते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले तक 10 करोड़ की राशि से जो शहर के बीचों-बीच स्थित रमजान नदी का सौंदर्गीकरण होना है, वह काम पूरा हो जाएगा। तो इस पर जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा गोल-मोल जवाब दिया गया। उनका कहना था कि देखिए कैबिनेट बैठक में बहुत जल्दी योजनाओं को स्वीकृति दे दी गई है और काम करने में समय लगता है। यह कहना मुश्किल है कि चुनाव से पहले काम हो जाएगा या नहीं होगा।


प्रशासन की इस बैठक में रमजान नदी को लेकर जो कुछ कहा गया उससे सभी पत्रकार असंतुष्ठ दिखे और कुछ पत्रकारों ने तो जिला प्रशासन पर इतना तक आरोप लगा दिया कि रमजान नदी को खुलेआम अतिक्रमित किया जा रहा है और प्रशासन के लोग चुपचाप बैठकर तमाशा देख रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि जो बात सबको पता है उस बात के लिए जिला प्रशासन ने पत्रकारों से व्यक्तिगत रूप में आग्रह करते हुए कहा कि अगर आपकी नजरों में कुछ ऐसा हो रहा है तो हमें बताने की कृपा करें हम लोग कार्रवाई करवाएंगे।


अगर रमजान नदी की वर्तमान स्थिति की बाव करें तो यह नदी न सिर्फ शहर के लिए जीवन दायिनी साबित हो सकती है बल्कि इसको सुंदर बनाकर रोजगार का भी सूजन किया जा सकता है। हमने देखा है कि पटना सहित बिहार के विभिन्न जिलों में वोटिंग


परिचालन कर कैसे नदियों का कायाकल्प किया जाता है। प्रशासन कह वो रही है कि 10 करोड़ रुपए की राशि से रमजान नदी का डिसिल्टेशन, चैनेलाइजेशन एवं सौंदर्याकरण का कार्य किया जाएगा।


किशनगंज के जिस रमजान नदी को साफ और सुंदर बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नया संकल्प लिया है, सम्भवतः यही कारण है की प्रगति यात्रा के बाद रमजान नदी के लिए 10 करोड रुपए की राशि का आवंटन बिहार कैबिनेट बैठक में किया गया है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा की प्रगति यात्रा के दौरान पहले से कार्यक्रम तय होने के बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी और उनके आला अधिकारी रमजान नदी की स्थिति का जायजा लेने के लिए नहीं पहुंचे। अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कम से कम 5 मिनट के लिए भी वहां पहुंचकर जयजा लेते तो उन्हें सारी कहानी बिना कहे, अपने आप समझ में आ जाती। सीएम यह भी जान लेते कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण दिन प्रतिदिन रमजान नदी का अतिक्रमण किया जा रहा है। कारण भले जो रहा हो लेकिन इतना तो तय है कि रमजान नदी के साथ एक बार फिर से धोखा हुआ है। अगर किशनगंज के लोग रमजान नदी को लेकर गंभीर नहीं होते हैं तो यथा स्थिति बनी रहेगी।


किशनगंज वासियों के लिए प्रमुख ऐलान

सबसे पहले ठाकुरगंज बाईपास अर्थात कटहल डांगी से धर्म कांटा चौक तक का निर्माण किया जाएगा, इस बात को लेकर ऐलान किया गया।


शहर के बीचों-बीच स्थित रमजान नदी को साफ किया जाएगा। इसके अंदर जमे गाद को बाहर निकाल कर नदी तट का सौंदर्याकरण कार्य किया जाएगा। कहते हैं कि किशनगंज का रमजान नदी कभी लोगों के लिए आन बान शान हुआ करता था और लोग इसे जीवनदायिनी मानते थे।


असुराघाट एवं निसंदरा घाट के बीच कनकई नदी पर पुल का निर्माण किया जाएगा। चहादुरगंज प्रखंड अंतर्गत लोचा पंचायत एवं किशनगंज नगर अंतर्गत खगड़ा में पॉवर सब स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। किशनगंज ठाकुरगंज मार्ग में महानंदा नदी पर पुल का निर्माण किया जाएगा। किशनगंज एवं पुठिया प्रखंडों में नए प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन का निर्माण होगा। केंद्र सरकार द्वारा किशनगंज बहादुरगंज के बीच राष्ट्रीय उच्च पथ 27 तथा 327 ई को फोरलेन सड़क से जोड़ने का फैसला लिया गया।


छात्र-छात्राओं से भी मिले मुख्यमंत्री

जीविका दीदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्कूली छात्र एवं छत्राओं से भी मिलने पहुंचे और उन्होंने इस बीच कोचाधामन अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के बच्चों से बातचीत की। छात्रों ने उन्हें बताया कि उनके द्वारा शुरू किए गए कई योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है। स्कूल में रहने के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है। डेरामारी में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में वहां की व्यवस्थाओं एवं छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली।


इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फीता काटकर गोवर्धन प्लांट का उद्घाटन किया और प्लांट का निरीक्षण भी किया। यहां के अधिकारियों से उन्होंने पूछा कि आखिर किस तरह से यहां काम किया जाता है। वहां काम करने वालों से हालचाल पूछा।


बताते चलें की समीक्षा बैठक के दौरान बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, जमा खान, नीरज कुमार सिंह, कई जन प्रतिनिधि गण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ, सचिव कुमार रवि आदि मौजूद थे। मुख्य सचिव और डीजीपी विनय कुमार समीक्षा बैठक में किसी कारणवश किशनगंज नहीं पहुंच पाए इस कारण वे दोनों लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे।

Comentarios

Obtuvo 0 de 5 estrellas.
Aún no hay calificaciones

Agrega una calificación
bottom of page