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गजल

  • Writer: MOBASSHIR AHMAD
    MOBASSHIR AHMAD
  • Dec 1, 2024
  • 1 min read

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न हो दौलत तो फिर इज्जत नहीं है !

अगर हो ज्यादा तो राहत नहीं है !


दुखी है कोई तो कोई बहुत खुश.

सभी की एक सी किस्मत नहीं है !


कोई जीता यहाँ शानो शौकत से,

किसी को रहने को भी छत नहीं है !


दिखावा ही हुआ लोगों का सब कुछ,

यहाँ जज्बात की कीमत नहीं है !


कहें कैसे किसी से बात दिल की,

किसी को दो घड़ी फुर्सत नहीं है !


अनुपमा अधिकारी 'अनु'

किशनगंज, बिहार

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