बिहार में बवाल क्या फिर पलटी मारेंगे नीतीश कुमार ?
- MOBASSHIR AHMAD
- Feb 10
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• रोशन झा

कहते हैं कि इतिहास अपने आप को दोहराता है लेकिन बिहार की राजनीति में इतिहास इतनी जल्दी दोहराया जाएगा इस बात की कल्पना किसी ने नहीं किया था। अभी तो बिहार में भाजपा जदयू की सरकार बने एक साल भी पूरे नहीं हुए हैं कि फिर से चर्चा होने लगी है कि नीतीश कुमार के मन में कुछ चल रहा है। सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया में भी हर घंटे हर मिनट पल-पल एक नयी खबर सामने आ रही है कि नीतीश कुमार फिर से पलटी मारने वाले हैं। नीतीश कुमार का प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो चुका है। नीतीश कुमार हर हाल में 2025 विधानसभा चुनाव में एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। सूत्रों के हवाले से न जाने कितनी खबरें हैं जो वेब पोर्टल की दुनिया में तैर रही है।
अभी कुछ दिनों पहले की ही तो बात है बिहार विधान मंडल शीत कालीन सत्र के दौरान बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कास्ट सेंसस पर क्रेडिट लेते हुए कहा था कि जब विहार में महागठबंधन की सख्कार थी और मैं डिप्टी सीएम था तब हमारी सरकार ने गरीब लोगों को 70% आरक्षण देने का काम किया था। अगर यह सरकार गरीबों के लिए काम करना चाहती है तो नया प्रपोजल तैयार करें और 70% या 80% से अधिक आरक्षण देने का काम करें हमारी पार्टी खुलकर समर्थन करेगी। इस बात पर जवाब देते. हुए बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि देखिए ऐसा है कि जब बिहार में जातिगत जनगणना करवाने का फैसला लिया गया तब बिहार में एनडीए की सरकार थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा और जदयू गठबंधनं ने ऐतिहासिक फैसला लिया था। हालांकि जब बिहार में जातिगत जनगणना करवाई गई तब महागठबंधन की सरकार थी और आप डिप्टी सीएम थे। इसमें कोई दो राय नहीं है कि जातिगत जनगणनां को लेकर सर्व दलीय बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया था लेकिन जब आप हमारे साथ थे तब भी और जब बीजेपी वाले हमारे साथ थे तब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही थे।
विजय चौधरी के बयान को बिहार विधानसभा के पटल पर ही छोड़ते हैं और आसान भाषा में बात करते हैं तो कुल मिलाकर मेरा कहना यह है कि नीतीश कुमार एकमात्र ऐसे नेता है जो सबके प्रिय हैं और सबके साथ मिलकर काम करते हैं। नीतीश कुमार को बस अपनी कुर्सी से मतलब है। जो पार्टी उनको मुख्यमंत्री स्वीकार करते हुए समर्थन देती है नीतीश कुमार उस पार्टी के साथ गठबंधन कर लेते •हैं। उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में ना तो बीजेपी को परेशानी होती है और ना ही कभी राष्ट्रीय जनता दल को। मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्वीकार करते हैं और लालू यादव भी।
अमित शाह ने नीतीश कुमार को अगला सीएम मानने से किया इनकार !

बिहार की राजनीति में वह पूरा बखेड़ा तब शुरू होता है जब देश के गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के गद्यावर नेता अमित शाह का एक विवादित बयान सामने आता है। एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान उनसे पूछा गया था कि, क्या बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार को ही प्रोजेक्ट किया जाएगा। क्या नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही अगला बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। इस बात का सीधे-सीधे जवाब न देकर अमित शाह ने कहा था कि देखिए इस तरह के फैसले टीवी चैनल के मंच पर बैठकर नहीं लिए जाते हैं। विहार में अभी एनडीए गठबंधन की सरकार है गर है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। आगे कौन विहार का मुख्यमंत्री बनेगा और किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा आएगा इस बात को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा। आसान भाषा में कहा जाए तो अमित शाह का कहना था कि बिहार में अगला सीएम कौन होगा यह बिहार विधानसभा चुनाव के बाद तय किया जाएगा। इस बयान को आप ऐसे भी देख सकते हैं कि अगर जदयू का परफॉर्मिस ठीक नहीं रहता है तो भाजपा अपनी पार्टी के किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाने का दावा ठोंक सकती हैं।
बयान सामने आते ही बिहार में राजनीति तेज
जैसे ही गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान सामने, आता है वैसे ही बिहार की राजनीति में उथल-पुथले शुरू हो जाता है। पहले जदयू के कई वरिष्ठ नेता अमित शाह के इस बयान पर अपना विरोध जताते हैं तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ नेता डिफेसिव मोड में नजर आ जाते हैं। जनता दल यू की ओर से सबसे पहले मोच संभालते हुए पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने विरोध दर्ज करवाया। इसके बाद तो मानो बयान बाजी की होड़ लग गई। मामले को बिगड़ते . देखकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने त्वरित टिप्पणी देने से बचते हुए कंहा कि विहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के नेता है और उनके नेतृत्व में बिहार दिन प्रतिदिन आगे बढ़ रहा है। मीडिया में जो विवाद दिखाया जा रहा है वैसा कुछ नहीं है एनडीए गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक है।
आनन-फानन में बुलाई गई एनडीए की बैठक

जदयू और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भले इस बात को लेकर कहा कि कोई भी विवाद नहीं है और सब कुछ ठीक है लेकिन जैसा दिख रहा था वैसा था नहीं। अगर सब कुछ ठीक चल रहा था तो फिर चुनाव से बहुत पहले एनडीए की बैठक क्यों बुलाई गई और बैठक के बाद. क्यों कहा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार विधानसभा 2025 का चुनाव लड़ा जाएगा। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के आवास पर एनडीए की बैठक होती है और जिसमें तमाम बड़े दल के नेता शामिल होते हैं। इसमें बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी उपस्थित थे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उमेश कुशवाहा और दिलीप जायसवाल ने बताया कि इस बैठक में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर विचार मंथन किया गया और तय किया गया कि कैसे आगामी चुनाव में जीत दर्ज किया जाए। दिलीप जायसवाल ने तो इतना तक कह दिया कि एनडीए के संयुक्त समिति के द्वारा चुनाव के दौरान प्रसार प्रसार किया जाएगा। जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक अभियान भी चलाए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है। नीतीश कुमार हमारे मुख्यमंत्री थे और आगे भी रहेंगे। फिर अमित शाह ने ऐसा विवादित बयान क्यों दिया इस पर दिलीप जायसवाल का कहना था कि इस मामले में मीडिया द्वारा बेवजह तूल दिया जा रहा है। अमित शाह जी का बस यह कहना था कि टीवी चैनल पर बैठकर इतने बड़े फैसले नहीं होते हैं, बीजेपी में पार्लियामेंट्री बोर्ड का फैसला सबसे बड़ा फैसला होता है।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भी दिलीप जायसवाल का समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है, जो भी परेशानियां थी उसको दूर कर लिया गया है।
गिरिराज सिंह बोले- नीतीश को मिले भारत रत्न

पहले गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री मानने से डायरेक्ट इनकार किया तो कुछ दिनों के बाद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार, को साइड करने का संकेत दे दिया। बयान बाजी के दौरान गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में जो विकास हुआ है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने बिहार को जंगल राज से निकालकर सुशासन राज में लाने का काम किया, इसलिए उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए। नीतीश हमारे नेता थे और आगे भी रहेंगे। गिरिराज सिंह ने कहा कि जो बच्चे 30 साल के हो चुके हैं उन्होंने लालू यादव और राबड़ी देवी का जंगल राज नहीं देखा है। विहार की बंबार्दी का सही-सही आकलन नहीं किया है। टूटी हुई सड़कें और जर्जर हॉस्पिटल को अपनी आंखों से नहीं देखा है। उड़ीसा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जैसे व्यक्ति को सम्मानित करने की जरूरत है। उन्हें भार्त रन जैसी चीजों से नवाजा जाना चाहिए।
विजय सिन्हा बोले- बिहार में अकेले बीजेपी के दम पर सरकार बनानी है

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर बिहार सरकार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने एक जबरदस्त विवादित बयान दिया। हालांकि बाद में वह पलट गए। उन्होंने कहा था कि अगर आप और हम देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो बिहार में अकेली अपने दम पर बीजेपी की सरकार बनानी होगी। जब तक यह काम पूरा नहीं होता है तब तक अटल बिहारी वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकती है। विजय सिन्हा का कहना था कि बीजेपी का एक-एक कार्यकर्ता यह चाहता है कि विहार को उन लोगों से मुक्ति मिले जिन्होंने विहार को बदनाम किया है। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के पूर्व प्रधनमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के संबसे चहेते मुख्यमंत्री में से एक थे। विहार को जंगल राज से मुक्ति दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण योगदान है। आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत होगी और मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमारं एक बार फिर से सत्ता पर आसीन होंगे।
महागठबंधन में नीतीश जी का स्वागत है, अब उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा
विवादित बयानों के बीच राष्ट्रीय जनता दल के विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र का कहना है कि अगर नीतीश कुमार एनडीए में आगए है तो हम लोग इंडिया गठबंधन में उनका स्वागत करते हैं। उन्हें तुरंत भाजपा का साथ • छोड़कर हमारे साथ हाथ मिलाना चाहिए हम भी तैयार हैं। लेकिन भाई वीरेंद्र ने एक शर्त रखते हुए कहा कि अब महागठबंधन में कभी भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा।
भाई बरिंद्र ने कहा कि राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता। परिस्थितियों के साथ समझीता किया जाता है।
कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा पर निकले तेजस्वी यादव

नए साल के आरंभ से पहले बिहार सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हिंदी मुंगेर से कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तय कार्यक्रम के अनुसार वे 5 दिसंबर को क्रिया 6 दिसंबर को बेगूसराय 7 दिसंबर को लखीसराय पहुंचे। इसी कार्यक्रम के दूसरे चरण में वे 15 दिसंबर को सुपौल 16 दिसंबर को सहरसा 17 दिसंबर को मधेपुरा 18 दिसंबर को एरिया 19 दिसंबर को किशनगंज 20 दिसंबर को पूर्णिया और 21 दिसंबर को कटिहार का दौरा करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्थानों पर बंद कमरे में कार्यकताओं से वन टू वन बातचीत कर फीडबैक लिया। बताया जाता है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है। लोकसभा चुनाव में हार झेलने के बाद तेजस्वी यादव ने संकित देते हुए कहा था कि जिन नेताओं ने प्रदर्शन अच्छा नहीं किया है उनके टिकट काटे जा सकते हैं और नए युवाओं को चांस दिया जा सकता है। इस दौरान महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है तो महिलाओं के खाते में प्रत्येक महीने ₹2500 दिए जाएंगे।
यात्रा के उपरांत पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने कहा कि इस राज्य में मुख्यमंत्री है भी नहीं है यह पता नहीं है। कौन मुख्यमंत्री है, यह अभी पता नहीं है। चार लोग पूरी सरकार चला रहे हैं, दो यहां (बिहार) हैं और दो वहां (केंद्र) हैं और यही लोग सरकार चला रहे हैं। इनको (सीएम नीतीश कुमार) समझाना चाहिए कि क्या हो रहा है। इस राज्य में छात्र रो रहे हैं, उन्हें देखने वाला कोई क्यों नहीं। मुख्यमंत्री कुछ नहीं बोलते। न सदन में बोलते हैं न सदन के बाहर बोलते हैं। हमारे पत्र का जवाब तक नहीं देते हैं। यह लोकतंत्र है और उन को समझना चाहिए कि एक नेता विरोधी दल के पत्र का जवाब देना होगा।
तेजस्वी यादव ने कहा, यहां (विहार) महात्मा गांधी जी का अपमान हो रहा है। सीता मइया का अपमान हो रहा है। महिलाओं का अपमान हो रहा है, लेकिन कोई कुछ करने वाला नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात को आप समझिए कि आखिर मुख्यमंत्री हैं भी कि नहीं हैं, सरकार है भी या नहीं है, इस पर पहले डिस्कशन होना चाहिए।
हालांकि उन्होंने इस बात को लेकर समर्थन किया कि भाजपा के नेता गिरिराज सिंह कहते हैं कि नीतीश कुमार को भारत रत्न मिलना चाहिए तो तेजस्वी यादव ने जवाब देते हुए कहा कि जरूर मिलना चाहिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डिजर्व करते हैं
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