सम्पादकीय
- MOBASSHIR AHMAD

- Apr 15
- 2 min read
वक्फ अमेंडमेंट बिल

वक्फ अमेंडमेंट बिल अब देश भर में कानून बन चुका है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने 8 अप्रैल 2025 से इस कानून को देश भर में लागू कर दिया है। मुस्लिम समाज के लोग और उनके नेताओं के साथ-साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित अधिकांश संस्थाओं ने इसका पुरजोर विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट में अब तक 15 से अधिक याचिकाएं दर्ज हो चुकी है। बहुत जल्द इस पर सुनवाई शुरू हो जाएगी। अगर आपको लगता है कि इस कानून में कुछ गलत प्रावधान है तो इसका विरोध होना ही चाहिए लेकिन आपको यह फैसला लेना होगा कि विरोध र्किस तरीके से किया जाए।शांतिपूर्वक तरीके से या उग्र तरीके से।
शांतिपूर्वक प्रदर्शन की शक्ति को हमने और आपने देखा है। महात्मा गांधी के चंपारण और असंहयोग आंदोलन ने तो अंग्रेजों की नींद हराम कर दी थी। अंत में देश को' आजादी तक मिल गयी। इमरजेंसी के दौरान बिहार की धरती पर जयप्रकाश नारायण ने जो इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ आंदोलन किया उसे कौन भूल सकता है। वर्तमान पीढ़ी के युवाओं ने इन दो आंदोलन को नहीं देखा होगा लेकिन उन्हें किसान आंदोलन तो आज भी याद होगा। की कैसे हजारों लाखों किसानों ने शांतिपूर्वक आंदोलन चलाकर किसान बिल को वापस लेने के लिए मोदी सरकार को मजबूर कर दिया।
स्वतंत्र भारत में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब किसी बिल में संशोधन किया गया हो। संविधान द्वारा दी गई शक्ति का प्रयोग कर के किसी भी बिल में संशोधन किया जा. सकता है। शर्त बस इतना है कि सरकार के पास दोनों सदनों में बहुमत होनी चाहिए। वर्तमान मोदी सरकार के पास खुद अपने दम पर बहुमत चाहे ना हो लेकिन गठबंधन सरकार के पास बहुमत है और यही कारण है कि यह बिल पहले लोकसभा में और फिर म्ज्यसभा में आसानी से पास हो गया।
अगर आप मुस्लिम समाज से आते हैं और अपने घर के बड़े सदस्य हैं तो आप पर अधिक जिम्मेवारी भी है। आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आंदोलन के नाम पर आप के बच्चे किसी गलत रास्ते पर ना चले जाए और कोई ऐसा कदम न उठाए जिससे हमारे समाज का नुकसान हो और हमें पछताना पड़े।
अंत में... सीमांचल की आवाज पत्रिका के इस नए अंक के साथ हम एक बार फिर आपके सामने हाजिर हैं... आपको यह अंक कैसा लगा हमें अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजें...
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