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भारत के हाथों "हार" का रहा है पाक का इतिहास

  • Writer: MOBASSHIR AHMAD
    MOBASSHIR AHMAD
  • May 22
  • 4 min read
भारत

प्रदीप कुमार वर्मा


कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारत ने ले लिया है। भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर अभियान के जरिए पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया गया है। उधर, पाकिस्तान ने भी अपनी परंपरागत आदत के मुताबिक भारत के रिहायशी तथा सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। भारत की सेना ने पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का मुंह तोड़ जवाब दिया है। यह कोई पहला मौका नहीं है जब भारत के हाथों पाक को मुंह की खानी पड़ी है। इससे पहले भी हुए युद्ध में भारत ने जंग के मैदान में पाकिस्तान को कई बार धूल चटाई है। फिलहाल, हालात ऐसे हैं कि भारत में ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के घमंड को चूर-चूर कर दिया है। यही नहीं भारत और पाकिस्तान के बीच इस नए मोर्चे के बाद जहां भारत को कई देशों का समर्थन मिल रहा है। वहीं, पाकिस्तान विश्व बिरादरी में अलग-थलग पड़ गया है।


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पहलगाम के आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने शुरूआत सिंधु जल समझौते के निरस्त करने से की। इसके बाद भारत ने चिनाब का पानी भी रोक दिया। यही नहीं भारत ने अटारी बॉर्डर को बंद करके पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के आयात और निर्यात पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी है। भारत ने एक कूटनीतिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान के दूतावास में अधिकारियों की संख्या में कटौती कर दी। इसके साथ ही भारत में पाकिस्तान के जहाजों की आवाजाही पर पूर्ण पाबंदी के साथ-साथ पाकिस्तान के पोतों के लिए भारत के बंदरगाहों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इस आर्थिक मोचाबंदी के बाद पहले से ही गरीबी की मार झेल रहे पाकिस्तान में अब कंगाली के हालात है। यही नहीं भारत ने विश्व पटल पर अन्य देशों के साथ अपनी कार्रवाई को साझा करते हुए उनका विश्वास जीता है। यही वजह है कि अब विश्व का अनेक देश पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की इस कार्रवाई में उसके साथ हैं।


यह कोई पहला मौका नहीं है जब आतंकवाद का पालन-पोषण वाले पाकिस्तान को भारत के साथ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष युद्ध में मुंह की खानी पड़ी है। लेकिन पाकिस्तान है कि तमाम नुकसान के बाद ना तो उसने आतंकवादियों को आश्रय देना बंद किया है और ना ही अपनी पुरानी हार से कोई सबक सीखा है। भारत और पाकिस्तान के बीच अगर युद्ध की बात करें तो वर्ष 1947 से 1948 के बीच कश्मीर में 22 अक्टूबर 1947 से 1 जनवरी 1949 तक भारत और पाकिस्तान के बीच पहला बुद्ध हुआ।


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इस युद्ध में पाकिस्तान ने कबालियों के साथ कश्मीर पर आक्रमण किया। लेकिन उसे भारतीय सेना के हाथों मुंह की खानी पड़ी और 1 जनवरी 1949 को युद्ध विराम की घोषणा हुई। इसके बाद उसने कश्मीर के कुछ हिस्से पर कब्जा कर लिया। जिसे आज भी पीओके नाम से जाना जाता है। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1965 में युद्ध हुआ।


तब 5 अगस्त 1965 को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर की नियंत्रण रेखा के पार भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। इसके जवाब में भारतीय सेना ने कई स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर लाहौर पर हमला कर दिया तथा भारतीय सैनिकों ने 8 अगस्त 1965 को हाजी पीर दरें पर भारतीय तिरंगा फहरा दिया। इसके बाद तत्कालीन सोवियत संघ और अमेरिका की मध्यस्थता से युद्ध विराम पर सहमत हुए दोनों देशों के बीच ताशकंद समझौता हुआ और भारत की सेना एक बार फिर नियंत्रण रेखा पार से वापस लौट आई। इसके करीब 6 साल बाद वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से युद्ध हुआ। इस युद्ध को 'बांग्लादेश मुक्ति संग्राम' के नाम से जाना जाता है। यह बुद्ध 3 दिसंबर 1971 से लेकर 16 दिसंबर 1971 तक चला तथा इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान दो भागों में पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्व पाकिस्तान के रूप में बंट गया।


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इस युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने 16 दिसंबर 1970 को ढाका में भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा की उपस्थिति में करीब 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों के साथ सरेंडर कर दिया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता हुआ और बांग्लादेश का जन्म हुआ। वर्ष 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ। इस साल पाकिस्तान ने आतंकवादी घुसपैठियों के साथ कश्मीर की पहाड़ियों पर आक्रमण कर दिया तथा टाइगर हिल सहित सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कई अन्य चोटियों पर कब्जा जमा लिया। इसके बाद 10 में 1999 को भारत ने 'ऑपरेशन विजय' की शुरूआत की और भारतीय सेवा के बीर सपूतों ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए 26 जुलाई को भारतीय सेना ने पूरे क्षेत्र को पाकिस्तानी आतंकवादियों के कब्जे से मुक्त करा लिया। इस दिन को 'कारगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है।


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बताते चलें कि पहलगाम में आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने सधी हुई रणनीति अपनाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। इस विशेष ऑपरेशन में भारत की सेना ने पीओके तथा पाकिस्तान के अन्य इलाकों में आतंकवादियों के नौ ठिकानों को मिसाइल और ड्रोन हमले में तबाह कर दिया। यही नहीं भारत में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी अपने मित्र देशों के साथ-साथ अन्य देशों तथा यूएन को दी और बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए केवल आतंकियों को निशाना बनाया है। भारत की सेना ने इस अभियान में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों और नागरिकों को निशाना नहीं बनाया है। अमेरिका तथा रूस समेत अन्य देशों ने भारत की इस कार्रवाई को उचित बताते हुए आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई में भारत का साथ देने का ऐलान किया है। यही नहीं रूस ने अपने जंगी बेड़े को भारत भेजा है। वहीं, इजराइल ने भी भारत को विशेष ड्रोन उपलब्ध कराए हैं जिसकी वजह से आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत मजबूती से पाकिस्तान को सबक सिखा रहा है।

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